लोपामुद्रा | Lopamudra के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : लोपामुद्रा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Kanaiyalal Maneklal Munshi | Kanaiyalal Maneklal Munshi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Kanaiyalal Maneklal Munshi | इस पुस्तक का कुल साइज 3.0 MB है | पुस्तक में कुल 118 पृष्ठ हैं |नीचे लोपामुद्रा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | लोपामुद्रा पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Lopamudra | This Book is written by Kanaiyalal Maneklal Munshi | To Read and Download More Books written by Kanaiyalal Maneklal Munshi in Hindi, Please Click : Kanaiyalal Maneklal Munshi | The size of this book is 3.0 MB | This Book has 118 Pages | The Download link of the book "Lopamudra" is given above, you can downlaod Lopamudra from the above link for free | Lopamudra is posted under following categories Knowledge, Stories, Novels & Plays |
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आर्य गौर-वर्ण, ऊँचे क़द के और सुन्दर-नयन थे वर्णव्यवस्था उनमें नही थी स्त्री या राजा ऋषि हो सकता था। ऋषि युद्ध-क्षेत्र में उतर कर हजारों का सहार कर सकता था। राजपद या ऋषिपद जन्म से नहीं, कर्म से मिलता था । स्त्रियाँ पढ़ती थीं और बाज-बाज तो ऋषि भी बनती थीं। वे युद्ध-क्षेत्र में भी जाती थीं । युवक-युवतियाँ अपने हाव-भावों से एक-दूसरे को अपनी ओर आकर्षित करते थे । ऋषि रूपवती स्त्रियों के आकर्षण के लिए मन्त्रों की रचना करते थे ।