महामंत्र की अनुप्रेक्षा | Mahamantra Ki Anupreksha

महामंत्र की अनुप्रेक्षा | Mahamantra Ki Anupreksha

महामंत्र की अनुप्रेक्षा | Mahamantra Ki Anupreksha

महामंत्र की अनुप्रेक्षा | Mahamantra Ki Anupreksha के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : महामंत्र की अनुप्रेक्षा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Sohanlal Patani | Sohanlal Patani की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 06.76 MB है | पुस्तक में कुल 214 पृष्ठ हैं |नीचे महामंत्र की अनुप्रेक्षा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | महामंत्र की अनुप्रेक्षा पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, Knowledge

Name of the Book is : Mahamantra Ki Anupreksha | This Book is written by Sohanlal Patani | To Read and Download More Books written by Sohanlal Patani in Hindi, Please Click : | The size of this book is 06.76 MB | This Book has 214 Pages | The Download link of the book "Mahamantra Ki Anupreksha" is given above, you can downlaod Mahamantra Ki Anupreksha from the above link for free | Mahamantra Ki Anupreksha is posted under following categories history, Knowledge |

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पुस्तक का साइज : 06.76 MB
कुल पृष्ठ : 214

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नमस्कार मे शुभकर्म, उपासना एव' ज्ञान इन तीनों को संगम है । शुभकम का फल सुख, उपासना का फल शान्ति एव ज्ञान का फल प्रभुप्राप्ति है । नमस्कार के प्रभाव से इस जन्म मे सुख, शान्ति एव जन्मान्तर मे परमात्मपद की प्राप्ति सुलभ होती है । कर्म-फल में विश्वासात्मक बुद्धि ही सद्बुद्धि हैं । सद्बुद्धि शान्तिदायक है । नमस्कार से उसका विकास होता है एवं उसके प्रभाव से हृदय मे प्रकाश उवुद्ध होता है । ज्ञान विज्ञान का स्थान बुद्धि है एव शान्ति-आनन्द का स्थान हृदय है। बुद्धि का विकास एवं हृदय मे प्रकाश ही नमस्कार का असाधारण फल है।

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