मैं एक फेरीवाला | Mai Ek Ferivala

मैं एक फेरीवाला | Mai Ek Ferivala

मैं एक फेरीवाला | Mai Ek Ferivala के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मैं एक फेरीवाला है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Rahi Masoom Raja | Rahi Masoom Raja की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 846.8 KB है | पुस्तक में कुल 104 पृष्ठ हैं |नीचे मैं एक फेरीवाला का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मैं एक फेरीवाला पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry

Name of the Book is : Mai Ek Ferivala | This Book is written by Rahi Masoom Raja | To Read and Download More Books written by Rahi Masoom Raja in Hindi, Please Click : | The size of this book is 846.8 KB | This Book has 104 Pages | The Download link of the book "Mai Ek Ferivala" is given above, you can downlaod Mai Ek Ferivala from the above link for free | Mai Ek Ferivala is posted under following categories Poetry |

पुस्तक के लेखक :
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पुस्तक का साइज : 846.8 KB
कुल पृष्ठ : 104

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सन् '५५ तक यह सब शान्त हो गया। दंगै दब गये। घामपक्षी आन्दोलन निष्फल हुए और बहुत ऊँचे स्वरों में चिंघाड़ने वाले कवि अचकचाकर टुप हो गये । जैसे किसी कमरे में बहुत-से लोग खूब जोर से मयतव्यबाजी कर रहे होंऔर अकस्मात अचकचाकर चुप हो जायें। तब जो सन्नाटा कमरे में छा जाता है, बहु अजीब भयविना-सा सन्नाटा होता है। और उसके बाद जो व्यक्ति पहली थार घबराकर वह सन्नाटा तोड़ता है, यह बहुत आहिस्ते से दबे स्वर में आसपास वालों से बोलता है।

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