मानसरोवर (भाग 6) | Mansarovar (Part 6)

मानसरोवर (भाग 6) | Mansarovar (Part 6)

मानसरोवर (भाग 6) | Mansarovar (Part 6)

मानसरोवर (भाग 6) | Mansarovar (Part 6) के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मानसरोवर (भाग 6) है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Munshi Premchand | Munshi Premchand की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 04.1 MB है | पुस्तक में कुल 272 पृष्ठ हैं |नीचे मानसरोवर (भाग 6) का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मानसरोवर (भाग 6) पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Mansarovar (Part 6) | This Book is written by Munshi Premchand | To Read and Download More Books written by Munshi Premchand in Hindi, Please Click : | The size of this book is 04.1 MB | This Book has 272 Pages | The Download link of the book "Mansarovar (Part 6)" is given above, you can downlaod Mansarovar (Part 6) from the above link for free | Mansarovar (Part 6) is posted under following categories Knowledge, Stories, Novels & Plays |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 04.1 MB
कुल पृष्ठ : 272

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वंदेलखड में अग्छा पुराना राज्य हैं। इनके राजा बुदेले है। इन बुदेलों ने पहाडों की घाटियो में अपना जीवन बिताया है । एक ममत्र औरछे के राजा जुझारसिंह थे । ये वई मामी और बुद्धिमान थे । शाहजहाँ उभ मर्मर दिल्ली के बादशाह थे । जब शाहजहाँ लोदी ने बलवा किया और वह शाही मक को लूटना-माना ओर की ओर आ निकली, तव राजा जुझारिमह में उममे मोरचा लिया। राजा के इस काम में गुणग्राही शाहजहां बहुत प्रमन्न हुए। उन्होंने तुरंत ही गना को दक्विन का दामन-भार मौंपा। छम दिन और में वडा अानंद मनाया गया ।

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