मेवाड़ और मारवाड़ | Mevaad Aur Maravad के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मेवाड़ और मारवाड़ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 21.74 MB है | पुस्तक में कुल 530 पृष्ठ हैं |नीचे मेवाड़ और मारवाड़ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मेवाड़ और मारवाड़ पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, Knowledge
Name of the Book is : Mevaad Aur Maravad | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 21.74 MB | This Book has 530 Pages | The Download link of the book "Mevaad Aur Maravad" is given above, you can downlaod Mevaad Aur Maravad from the above link for free | Mevaad Aur Maravad is posted under following categories history, Knowledge |
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जब यह महा शोक प्रद समाचार चित्तौड़ वालों के कानों तक पहुंचा तो वह अत्यन्त व्याकुल यौर दुःखी हुए। थोड़े ही देर के पीछे दृष्ट नै नापाक सन्देश भेजा, कि जब तक पद्मिना। हमारे तम्बू में न आवेगी तब तक भीमसी का छूटना पूर्णत असम्भव है। महारानि पद्मिनी को इस सन्देसे से इतना दुःख पहुंचा कि उसका वर्णन नहीं हो सकता। उसके चेहरे का रङ्ग उड़ गया, नेत्रों की चमक और शोभा जाती रही । दोही धार धड़ी के भीतर बहू अद्वितीय रूप जिसकी प्रशंसा में कबिताए रची जाती थीं इस प्रकार अलोप होगया मानो वह बरसों से रोगी थी ।