मोतीलाल नेहरु | Motilal Nehru के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मोतीलाल नेहरु है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gauri Shankar Rajhans | Gauri Shankar Rajhans की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Gauri Shankar Rajhans | इस पुस्तक का कुल साइज 5.0 MB है | पुस्तक में कुल 152 पृष्ठ हैं |नीचे मोतीलाल नेहरु का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मोतीलाल नेहरु पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, politics
Name of the Book is : Motilal Nehru | This Book is written by Gauri Shankar Rajhans | To Read and Download More Books written by Gauri Shankar Rajhans in Hindi, Please Click : Gauri Shankar Rajhans | The size of this book is 5.0 MB | This Book has 152 Pages | The Download link of the book "Motilal Nehru " is given above, you can downlaod Motilal Nehru from the above link for free | Motilal Nehru is posted under following categories history, politics |
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अपने पूर्वजों का स्मरण करते हुए अपनी आत्मकथा में पं. जवाहरलाल नेहरू ने लिखा है "हम लोग कश्मीरी थे। करीब दो सौ साल पहले, अठारहवीं शताब्दी के शुरू में, हमारे पूर्वज पहाड़ी घाटियों से मैदानी क्षेत्र में आ गये, धन और प्रसिद्धि हासिल करने के लिए वे मुगल सल्तनत के अंतिम दिन थे। औरंगजेब की मृत्यु के बाद मुगल सल्तनत तेजी से पतन की ओर जा रही थी। उन दिनों बादशाह फर्रुखसियर मुगल सम्राट थे। हमारे पूर्वज का नाम राज कौल था और उनकी गिनती उन दिनों संस्कृत तथा फारसी के प्रसिद्ध विद्वानों में होती थी। सन् १७१६ के आस-पास जब बादशाह फर्रुखसियर कश्मीर आए तो उनकी नजर पं. राज कौल पर पड़ी।