मुद्राराक्षस नाटक | Mudrarakshas Natak

मुद्राराक्षस नाटक | Mudrarakshas Natak

मुद्राराक्षस नाटक | Mudrarakshas Natak

मुद्राराक्षस नाटक | Mudrarakshas Natak के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मुद्राराक्षस नाटक है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 03.37 MB है | पुस्तक में कुल 260 पृष्ठ हैं |नीचे मुद्राराक्षस नाटक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मुद्राराक्षस नाटक पुस्तक की श्रेणियां हैं : comedy

Name of the Book is : Mudrarakshas Natak | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 03.37 MB | This Book has 260 Pages | The Download link of the book "Mudrarakshas Natak" is given above, you can downlaod Mudrarakshas Natak from the above link for free | Mudrarakshas Natak is posted under following categories comedy |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 03.37 MB
कुल पृष्ठ : 260

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विना राक्षस को वश में किए मैने नद-वश का क्या विनाश कर दिया अथवा चद्रगुप्त की राजभक्ष्मी को क्या अटल बना दिया? (सोधकर) अहा राक्षम नद-कुले का भयंत दृढ भक्त हैं। वह निश्चय ही नंदवंशीय किसी भी व्यक्ति के जीते जी, चद्रगुप्त का मंत्री बनाया जा सकता । यदि वह उसे राज्य दिलाने के लिए यत्न न करे, तो वह चंद्रगुप्त का मत्री बनाया जा सकता है। ठीक यही सोचकर हमने बेचारे नैद वैशीय सर्वार्थसिद्धि को, तपोवन चले जानेपर मी, मार डाला फिर भी राक्षस मलयकेतु को अपने साथ मिलाकर हमारे विनाश के लिए घोरतर प्रयत्न करता ही रहता है।

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