मुग़ल कालीन भारत | Mugal Kalin Bharat के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : मुग़ल कालीन भारत है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ashirvadi Lal Srivastav | Ashirvadi Lal Srivastav की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Ashirvadi Lal Srivastav | इस पुस्तक का कुल साइज 28.49 MB है | पुस्तक में कुल 349 पृष्ठ हैं |नीचे मुग़ल कालीन भारत का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मुग़ल कालीन भारत पुस्तक की श्रेणियां हैं : history
Name of the Book is : Mugal Kalin Bharat | This Book is written by Ashirvadi Lal Srivastav | To Read and Download More Books written by Ashirvadi Lal Srivastav in Hindi, Please Click : Ashirvadi Lal Srivastav | The size of this book is 28.49 MB | This Book has 349 Pages | The Download link of the book "Mugal Kalin Bharat" is given above, you can downlaod Mugal Kalin Bharat from the above link for free | Mugal Kalin Bharat is posted under following categories history |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
मुमताज़ महल सुशिक्षित तथा सुयोग्य गृहिणी थी उसका अनुल प्राकृतिक सौन्दर्य वाह्य उपादानों से अत्यन्त मनोहर हो उठता था। वह अत्यन्त प्रतिभासम्पन्न और मुरूदया थी । दान-दक्षिणा देना, गरीब, विधवा अपाहिज अनाथ की सहायता करना इसके चरित्र की विशेषता थी। उसकी दासी सतीउन्निसा ज्ञानम् उसकी विशेष सलाहकार तथा मानवी कार्यों में उसकी परामर्शदात्री थी। मुमताज़ महल पवित्र जीवन, पूजा पाठ और उपवास श्रादि की विष्ठा में विश्वास रखने वाली इस्लाम धर्म की उपासिका थी। लेकिन उसकी धार्मिकता अन्धविश्वास और रूढ़ि के रंग में रंगी हुई थी। ईसाई हिन्दू धर्म के प्रति शाहजहाँ की वक्र दृष्टि का बहुत बड़ा कारण मुमताज़ महल की धर्मान्धता थी।