मुगल कालीन भारत 1526 से 1803 तक | Mugal Kalin Bharat 1526 Se 1803 Tak

मुगल कालीन भारत 1526 से 1803 तक | Mugal Kalin Bharat 1526 Se 1803 Tak

मुगल कालीन भारत 1526 से 1803 तक | Mugal Kalin Bharat 1526 Se 1803 Tak के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मुगल कालीन भारत 1526 से 1803 तक है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ashirvadi Lal Srivastav | Ashirvadi Lal Srivastav की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 62.06 MB है | पुस्तक में कुल 521 पृष्ठ हैं |नीचे मुगल कालीन भारत 1526 से 1803 तक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मुगल कालीन भारत 1526 से 1803 तक पुस्तक की श्रेणियां हैं : history

Name of the Book is : Mugal Kalin Bharat 1526 Se 1803 Tak | This Book is written by Ashirvadi Lal Srivastav | To Read and Download More Books written by Ashirvadi Lal Srivastav in Hindi, Please Click : | The size of this book is 62.06 MB | This Book has 521 Pages | The Download link of the book "Mugal Kalin Bharat 1526 Se 1803 Tak " is given above, you can downlaod Mugal Kalin Bharat 1526 Se 1803 Tak from the above link for free | Mugal Kalin Bharat 1526 Se 1803 Tak is posted under following categories history |


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हमारे देश के इतिहास का पूर्व मध्ययुग जिसे सल्तनत-युग कहते है, विदेशी सत्ता का इतिहास है। इसके विपरीत मुगल काल भारतीय राष्ट्रवाद तथा इस्लामी प्रभुत्ल को पुनः स्थापित करने का प्रयत्न करने वाले प्रतिक्रियावादी तत्वों के बीच संघर्ष का युग है। दयनीय बात यह है कि मध्य एशिया से आने वाली मुगल तथा अन्य जातियों और उसके साथ आयी संस्थाओं के भारतीयकरण की जो प्रक्रिया आरम्भ हो चुकी थी, उसका प्रवाह शाहजहाँ के शासन काल में अवरुद्ध हो गया और औरंगजेब के समय में तो उसका पूर्ण रूप से दमन कर दिया गया। इसका परिणाम यह हुआ कि सल्तनत-युग की प्रतिक्रियावादी शक्तियाँ पुनः सक्रिय होने लगीं और उन्होंने राष्ट्रवादी तत्वों को अभिभूत कर दिया ।

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