निरतिवाद | Nirativad

निरतिवाद | Nirativad

निरतिवाद | Nirativad के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : निरतिवाद है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Darbari Lal Satyabhakt | Darbari Lal Satyabhakt की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 4 MB है | पुस्तक में कुल 68 पृष्ठ हैं |नीचे निरतिवाद का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | निरतिवाद पुस्तक की श्रेणियां हैं : Social

Name of the Book is : Nirativad | This Book is written by Darbari Lal Satyabhakt | To Read and Download More Books written by Darbari Lal Satyabhakt in Hindi, Please Click : | The size of this book is 4 MB | This Book has 68 Pages | The Download link of the book "Nirativad" is given above, you can downlaod Nirativad from the above link for free | Nirativad is posted under following categories Social |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 4 MB
कुल पृष्ठ : 68

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दान से जहां थोड़ी बहुत सुविधा मिलती है वहां उससे एक दोष भी है | इससे दीनता और आलस्य बढ़ता है | दान तो सिर्फ अपाहिजो और सार्वजानिक कार्यों और समस्याओं के लिए उपयोगी है | बेकारों का पेट भरने के उद्देश्य से जो दान जायेगा उससे लोग आलसी और दीन बनेंगें

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