निर्यातन | Niryatan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : निर्यातन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Bhagwati Prashad Vajpeyi | Bhagwati Prashad Vajpeyi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Bhagwati Prashad Vajpeyi | इस पुस्तक का कुल साइज 64 MB है | पुस्तक में कुल 194 पृष्ठ हैं |नीचे निर्यातन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | निर्यातन पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Niryatan | This Book is written by Bhagwati Prashad Vajpeyi | To Read and Download More Books written by Bhagwati Prashad Vajpeyi in Hindi, Please Click : Bhagwati Prashad Vajpeyi | The size of this book is 64 MB | This Book has 194 Pages | The Download link of the book " Niryatan " is given above, you can downlaod Niryatan from the above link for free | Niryatan is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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मल्लिका वड़े लाड़-प्यार में पाली गई थी। जब वह दस वर्ष की थी, और उसे संसार का कुछ भी ज्ञान नहीं हो पाया था, तभी उसके माता-पिता का स्वर्गवास हो गया था। उसके पिता तीस सहस्र रुपये की जायदाद छोड़कर स्वर्गवासी हुए थे। पहले पहल जब उसे अपना और अपने जगत का ज्ञान हुआ, तब उसे किसी प्रकार का कृष्ट न था। वह बालिका-विद्यालय में पढ़ती थी और अपनी कक्षा में सबसे अधिक गंभीर समझी जाती थी ।