पाप-चिन्तन | Paap Chintan

पाप-चिन्तन | Paap Chintan

पाप-चिन्तन | Paap Chintan के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : पाप-चिन्तन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 459.6 MB है | पुस्तक में कुल 6 पृष्ठ हैं |नीचे पाप-चिन्तन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पाप-चिन्तन पुस्तक की श्रेणियां हैं : Spirituality -Adhyatm

Name of the Book is : Paap Chintan | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 459.6 MB | This Book has 6 Pages | The Download link of the book "Paap Chintan" is given above, you can downlaod Paap Chintan from the above link for free | Paap Chintan is posted under following categories Spirituality -Adhyatm |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 459.6 MB
कुल पृष्ठ : 6

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

यह दृष्टि और चेतना स्त्री-पुरुष के संबंधों को नया आयाम देती है । बीजगुप्त समाज का विरोध सहकर भी नर्तकी चित्रलेखा से संबंध रखता है और उसके स्खलन को मानवीय रूप में स्वीकार भी करता है । त्याग में ही दोनों अपना प्यार पा लेते हैं। यहां बीजगुप्त भोगी तो है पर वासना एवं कामुकता से दूर है । सामंतीय चिंतन में स्त्री विलास और भोग की सामग्री है पर बीजगुप्त उसे पत्नी का सा स्थान देता है। यह खोज जो व्यक्ति में की जा रही है कि प्रेम सब के लिए है। यही उस समय की नई दिशा है।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *