पाली एवं प्राकृत विद्या | Pali Evam Prakrit Vidya

पाली एवं प्राकृत विद्या | Pali Evam Prakrit Vidya

पाली एवं प्राकृत विद्या | Pali Evam Prakrit Vidya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : पाली एवं प्राकृत विद्या है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Vijay Kumar Jain | Dr. Vijay Kumar Jain की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 30.3 MB है | पुस्तक में कुल 197 पृष्ठ हैं |नीचे पाली एवं प्राकृत विद्या का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पाली एवं प्राकृत विद्या पुस्तक की श्रेणियां हैं : Granth

Name of the Book is : Pali Evam Prakrit Vidya | This Book is written by Dr. Vijay Kumar Jain | To Read and Download More Books written by Dr. Vijay Kumar Jain in Hindi, Please Click : | The size of this book is 30.3 MB | This Book has 197 Pages | The Download link of the book "Pali Evam Prakrit Vidya" is given above, you can downlaod Pali Evam Prakrit Vidya from the above link for free | Pali Evam Prakrit Vidya is posted under following categories Granth |


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पुस्तक का साइज : 30.3 MB
कुल पृष्ठ : 197

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प्राचीन भाषा पालि एवं प्राकृत में बौद्ध एवं जैन विद्या सुरक्षित है। दोनों में साम्य दिखाई देने पर भी इनका अपना-अपना वैशिष्टय है । लेखक ने इन दोनों परम्परा के प्रमुख पारिभाषिक शब्दों की गहन तुलना करने का प्रयास किया है । इस लघु ग्रन्थ में प्रारंभिक चरण में पालि एवं प्राकृत भाषा एवं काव्य की तुलना की गई है

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