प्राचीन इतिहास संस्कृति और पुरातत्व | Prachin Itihas sanskriti Aur Puratatva

प्राचीन इतिहास संस्कृति और पुरातत्व | Prachin Itihas sanskriti Aur Puratatva

प्राचीन इतिहास संस्कृति और पुरातत्व | Prachin Itihas sanskriti Aur Puratatva

प्राचीन इतिहास संस्कृति और पुरातत्व | Prachin Itihas sanskriti Aur Puratatva के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : प्राचीन इतिहास संस्कृति और पुरातत्व है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Rajesh Kumar | Rajesh Kumar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 19.25 MB है | पुस्तक में कुल 233 पृष्ठ हैं |नीचे प्राचीन इतिहास संस्कृति और पुरातत्व का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | प्राचीन इतिहास संस्कृति और पुरातत्व पुस्तक की श्रेणियां हैं : history

Name of the Book is : Prachin Itihas sanskriti Aur Puratatva | This Book is written by Rajesh Kumar | To Read and Download More Books written by Rajesh Kumar in Hindi, Please Click : | The size of this book is 19.25 MB | This Book has 233 Pages | The Download link of the book " Prachin Itihas sanskriti Aur Puratatva" is given above, you can downlaod Prachin Itihas sanskriti Aur Puratatva from the above link for free | Prachin Itihas sanskriti Aur Puratatva is posted under following categories history |

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पुस्तक का साइज : 19.25 MB
कुल पृष्ठ : 233

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मैत्रकवशी नरेश बौद्ध धर्म में आस्था रखते थे तथा उन्होने बौद्ध विहारों का दान दिया। उनके शासन-काल मे बलभी शिक्षा का प्रमुख केन्द्र था। यहाँ एक विश्वविद्यालय था जिसकी पश्चिमी भारत में वही ख्याति थी जो पूर्वी भारत में नालन्दा विश्वविद्यालय की थी। सातवीं शती के चीनी चात्री इत्सिग ने इस शिक्षा केन्द्र की प्रशंसा की है। इस विश्वविद्यालय का विनाश भी अरब आक्रमणकारियों द्वारा कर दिया गया। बलभी व्यापार तथा वाणिज्य का भी प्रमुख केन्द्र था।

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