प्राच्या जैन सराक शोध कार्य | Prachya Jain Sarak Shodh Karya के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : प्राच्या जैन सराक शोध कार्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Babulal Jain Jamadar | Shri Babulal Jain Jamadar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Babulal Jain Jamadar | इस पुस्तक का कुल साइज 3.0 MB है | पुस्तक में कुल 178 पृष्ठ हैं |नीचे प्राच्या जैन सराक शोध कार्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | प्राच्या जैन सराक शोध कार्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
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उत्थान-पतन जिंदगी में साथ साथ चलते हैं, इसका भोग सभी प्राणियों को करना पडता है जो कभी राजा महाराजा साहूकार, श्रीमत, लक्षाधीश थे वह आज सामान्य जन जीवन व्यतीत कर रहे हैं। अभाव को जो नहीं समझते ये वह स्वय अभावो में समय गुजार रहे हैं। इन्ही के आश्रय से चलने वाले धार्मिक कार्यों की भी इसी तरह गति मद हो चली है। । दूसरी ओर जो दीन दु खी निर्धन और साधन विहीन थे आज वह पूर्ण धन, वैभव, ऐश्वर्य से सम्पन्न हैं और मनमानी के तीर पर धर्म के विपरीत आचरण करके अपनी अपनी चला रहे हैं जिसका परिणाम कटुता, सघर्प, और दुराव तथा भ्रष्टाचार और अनाचार में दिख रहा है ।