प्रेम प्रदीप | Prem Pradip के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : प्रेम प्रदीप है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 3.2 MB है | पुस्तक में कुल 147 पृष्ठ हैं |नीचे प्रेम प्रदीप का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | प्रेम प्रदीप पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Prem Pradip | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 3.2 MB | This Book has 147 Pages | The Download link of the book "Prem Pradip" is given above, you can downlaod Prem Pradip from the above link for free | Prem Pradip is posted under following categories dharm |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
प्रेम-प्रदीप' नामक ग्रन्थने उस समय उन सभीके प्रतिबन्धक-स्वरूप शुभदिन उदित कराये थे। इससे अधिक सौभाग्यका विषय यह है कि श्रील ठाकुर भक्तिविनोदकी अक्लान्त चेष्टासे ब्राह्म-समाज और निरिश्वर योगी-सम्प्रदायके हाथसे भारतकी रक्षा हुई है, यहाँ तक कि उन्हींकी कृपासे ही आज भारतमें ब्राह्म-समाज और योगीलोग नहीं के बराबर हैं। तथापि उन-उन धर्मोंका पालन करनेवाले दो-चार लोग अभी भी इधर-उधर बिखरे हुए दिखलायी देते हैं, उन लोगोंकी बुद्धिक संशोधनके लिए और वर्तमान दुर्दशाको अवस्थामें विश्वमें पराशान्तिको कामनासे यह ग्रन्थ पुनः प्रकाशित हुआ है।