पृथ्वीराज रासौ भाग-5 | Prithviraj Raso Bhag-5

पृथ्वीराज रासौ भाग-5 | Prithviraj Raso Bhag-5

पृथ्वीराज रासौ भाग-5 | Prithviraj Raso Bhag-5

पृथ्वीराज रासौ भाग-5 | Prithviraj Raso Bhag-5 के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : पृथ्वीराज रासौ भाग-5 है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Chand Bardai | Chand Bardai की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 17.69 MB है | पुस्तक में कुल 34 पृष्ठ हैं |नीचे पृथ्वीराज रासौ भाग-5 का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पृथ्वीराज रासौ भाग-5 पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry

Name of the Book is : Prithviraj Raso Bhag-5 | This Book is written by Chand Bardai | To Read and Download More Books written by Chand Bardai in Hindi, Please Click : | The size of this book is 17.69 MB | This Book has 34 Pages | The Download link of the book "Prithviraj Raso Bhag-5" is given above, you can downlaod Prithviraj Raso Bhag-5 from the above link for free | Prithviraj Raso Bhag-5 is posted under following categories Poetry |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 17.69 MB
कुल पृष्ठ : 34

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

दोपहर के समय जब गांव में शांति होती थी, तब खेतों में गर्म हवा के झोके बहते थे. तब मिस मून अपने छोटे भाई को लेकर बाहर आती थी. फिर दोनों सड़क पर शहर से आती हुई कारों और ट्रकों को निहारते थे. एक दिन सड़क पूरी तरह से वीरान और शांत थी, और आसमान में सूरज बहुत तेज़ी से चमक रहा था. तब मिस मून को दूरी पर एक आदमी दिखाई दिया. वो चलते-चलते हांफ रहा था और ज़ोर-ज़ोर से सांस ले रहा था. उसके कंधे पर एक बांस टिका था जिससे कागज़ के रंगीन टुकड़े लटके थे. कागज़ के टुकड़े हवा में तेज़ी से फड़फड़ा रहे थे.|

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *