राजकुमारी | Rajkumari

राजकुमारी | Rajkumari

राजकुमारी | Rajkumari

राजकुमारी | Rajkumari के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : राजकुमारी है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Bankim Chandra Chaterji | Bankim Chandra Chaterji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 14.0 MB है | पुस्तक में कुल 187 पृष्ठ हैं |नीचे राजकुमारी का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | राजकुमारी पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Rajkumari | This Book is written by Bankim Chandra Chaterji | To Read and Download More Books written by Bankim Chandra Chaterji in Hindi, Please Click : | The size of this book is 14.0 MB | This Book has 187 Pages | The Download link of the book "Rajkumari" is given above, you can downlaod Rajkumari from the above link for free | Rajkumari is posted under following categories Stories, Novels & Plays |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 14.0 MB
कुल पृष्ठ : 187

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

इतना कह और उसका हाथ पकड़कर सुकुमारी की मां उसे अपने सोने वाले घर में लेगई। मानिक भी चुपचाप चला गया, पर बोला कुछ नहीं घर में जाकर सुकुमारी की मां ने दोनों को मिठाई खाने को दी। दोनों एक जगह बैठ कर संग खाने लगे। जय सुकुमारी की मां पानी लेने के लिये बाहर चली गई, तो मानिक ने धीरे धीरे सुकुमारी से कहा,“तुमने मां से सब बातें कह दीं, क्या सुकुमारी कोई बात नहीं कही केवल उतनी ही बात मैंने कही है जितनी मैया ने तुमसे पूछी थी ।

Share this page:

One comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *