राम नाम : महात्मा गाँधी हिंदी पुस्तक | Ram Nam : Mahatma Gandhi Hindi Book के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Mahatma Gandhi | Mahatma Gandhi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Mahatma Gandhi | इस पुस्तक का कुल साइज 5.64 MB है | पुस्तक में कुल 83 पृष्ठ हैं |नीचे का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm, inspirational
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द् होगे तो शरीर अपने-आप नीरोग हो जायगा। गाधीजीने देखा कि जिस ध्येयको पानेके लिअ रामनाम या अस बडे डॉक्टरमे हार्दिक श्रद्धा रखने और अुसका सहारा लेने जैसी अपयोगी कोओ चीज नही है। गाधीजीको यकीन था कि जब मनुष्य अपने-आपको पूरी तरह आइ्वरके हाथोमे सौप देता है और भोजन व्यक्तिगत सफाओ तथा आम तौर पर अपने-आपको और खास तौर पर काम-क्रोध वगैरा विकारोको जीतनेके बारेमे और मानव बन्धुओके साथके अपने सम्बन्धोके बारेमे औश्वरके नियमोका पालन करता है तो वह रोगसे मुक्त रहता है। अँसी स्थितिको प्राप्त करनेके लिअे वे खुद भी हमेशा कोशिश करते रहे। और दूसरोको वहीं ध्येय प्राप्त करनेमे मदद पहुचानेके लिअे अुन्होने अुरुठीकां चनमे अपनी आखिरी सस्था कुदरती अपचार केन्द्र कायम की थी जहा खुद अनके द्वारा अमलमे लाये गये कुदरती जिलाजके अलावा बीमारोको रामनामकी अपयोगिता भी सिखाओ जाती है। यह छोटीसी पुस्तक जिस बारमे गाधीजीके विचार और अनुभव अन्हीके दब्दोमे पाठकोके सामने सक्षेपमे रखना चाहती है। भारतन कुमारप्पा