रत्नसागर | Ratan Sagar के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : रत्नसागर है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 13.2 MB है | पुस्तक में कुल 195 पृष्ठ हैं |नीचे रत्नसागर का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | रत्नसागर पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Ratan Sagar | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 13.2 MB | This Book has 195 Pages | The Download link of the book "Ratan Sagar" is given above, you can downlaod Ratan Sagar from the above link for free | Ratan Sagar is posted under following categories dharm |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
तुलसी साहिब जिनको लोग साहबजी भी कहते थे जाति के ब्राह्मण बहुत अच्छे कुल के थे । बाल अवस्था ही में इनको ऐसा तीव्र बैराग और प्रचंड भक्ति प्राप्त हुई कि घर बार छाड़ कर भेष ले लिया और अलीगढ़ ज़िला के हाथरस शहर में कर रहे और वहीं शरीर त्याग किया। इनको गुप्त हुए साठ बरस के अनुमान हुए और देहान्त के समय उनकी अवस्था साठ बरस के करीब थी |