साहित्य-सहचर | Sahitya-Sahchar के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : साहित्य-सहचर है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Acharya Hazari Prasad Dwivedi | Acharya Hazari Prasad Dwivedi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Acharya Hazari Prasad Dwivedi | इस पुस्तक का कुल साइज 9.45 MB है | पुस्तक में कुल 202 पृष्ठ हैं |नीचे साहित्य-सहचर का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | साहित्य-सहचर पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature
Name of the Book is : Sahitya-Sahchar | This Book is written by Acharya Hazari Prasad Dwivedi | To Read and Download More Books written by Acharya Hazari Prasad Dwivedi in Hindi, Please Click : Acharya Hazari Prasad Dwivedi | The size of this book is 9.45 MB | This Book has 202 Pages | The Download link of the book "Sahitya-Sahchar" is given above, you can downlaod Sahitya-Sahchar from the above link for free | Sahitya-Sahchar is posted under following categories literature |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
साहित्य मानव-जीवन से सीधा उत्पन्न होकर सीधे मानव-जीवन को प्रभावित करता है । साहित्य पढ़ने से हम जीवन के साथ ताज़ा और घनिष्ठ संबंध स्थापित करते हैं। साहित्य में उन सारी बातों का जीवन्त विवरण होता है जिसे मनुष्य ने देखा है, अनुभव किया है, सोचा है और समझा है । जीवन के जो पहलू हमें नज़दीक से और स्थायी रूप से प्रभावित करते हैं। उनके विषय में मनुष्य के अनुभवों के समझने का एकमात्र साधन साहित्य है। वस्तुतः, जैसा कि एक पश्चिमी समालोचक ने कहा है-'भाषा के माध्यम से जीवन की अभिव्यक्ति का नाम ही साहित्य है। इसीलिये पश्चिमी पंडितों में से किसी-किसी ने साहित्य को जीवन की व्याख्या कहा है। इस कथन का अर्थ यह हुआ कि जीवन की जहाँ तक गति है वहाँ तक साहित्य का क्षेत्र है। जीवन से दूर हटा हुआ साहित्य अपना महत्व खो देता है।
thank you