पं० श्रीराम शर्मा आचार्य | Pt. Shreeram Sharma Acharya

समग्र स्वास्थ्य संवर्धन कैसे हो : पं० श्रीराम शर्मा आचार्य | Samagra Swasthya Samvardhan Kaise Ho : Pt. Shreeram Sharma Acharya

समग्र स्वास्थ्य संवर्धन कैसे हो : पं० श्रीराम शर्मा आचार्य | Samagra Swasthya Samvardhan Kaise Ho : Pt. Shreeram Sharma Acharya के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : पं० श्रीराम शर्मा आचार्य है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Pt. Shreeram Sharma Acharya | Pt. Shreeram Sharma Acharya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 1.2 MB है | पुस्तक में कुल 45 पृष्ठ हैं |नीचे पं० श्रीराम शर्मा आचार्य का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पं० श्रीराम शर्मा आचार्य पुस्तक की श्रेणियां हैं : health

Name of the Book is : Pt. Shreeram Sharma Acharya | This Book is written by Pt. Shreeram Sharma Acharya | To Read and Download More Books written by Pt. Shreeram Sharma Acharya in Hindi, Please Click : | The size of this book is 1.2 MB | This Book has 45 Pages | The Download link of the book " Pt. Shreeram Sharma Acharya" is given above, you can downlaod Pt. Shreeram Sharma Acharya from the above link for free | Pt. Shreeram Sharma Acharya is posted under following categories health |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 1.2 MB
कुल पृष्ठ : 45

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

| इस प्रयोजन के लिए एक छोटा प्रयत्न शांतिकुंज द्वारा किया जा रहा है। आवश्यकता इस बात को है कि समर्थ व्यक्ति इन्हीं प्रयासों को अपने ढंग से बड़े रूप में कार्यान्वित करने के लिए कटिबद्ध हों। स्मरण रहे, इतना बड़ा कार्य कोई एक व्यक्ति नहीं कर सकता उसके लिए प्राणवान् प्रतिभाओं के उच्चस्तरीय प्रयासों, संगठनों और योजना को हाथ में लिए जाने की आवश्यकता है। इमारत को गिराने में थोड़े से ही प्रयत्नों से काम चल जाता है, पर यदि उसे नए सिरे से विनिर्मित करना हो तो अत्यधिक साधनों को, कुशल श्रमिकों और इंजीनियरों की आवश्यकता होती है। परिस्थितियों को जिन लोगों ने दुर्दशाग्रस्त बनाया है, प्रपत्र तो उनको भी करने पड़े हैं, जिन्हें सदाशयता सृजन संवर्धन अभीष्ट है उन्हें मिल-जुलकर ऐसे प्रबल प्रसन्न करने पडेंगे जो वातावरण के उलटे प्रवाह को उलट कर सीधा कर सकें।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.