संजीवनी विद्या | Sanjivani Vidya के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : संजीवनी विद्या है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Babu Ramchandra Verma | Babu Ramchandra Verma की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Babu Ramchandra Verma | इस पुस्तक का कुल साइज 03.93 MB है | पुस्तक में कुल 132 पृष्ठ हैं |नीचे संजीवनी विद्या का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | संजीवनी विद्या पुस्तक की श्रेणियां हैं : health
Name of the Book is : Sanjivani Vidya | This Book is written by Babu Ramchandra Verma | To Read and Download More Books written by Babu Ramchandra Verma in Hindi, Please Click : Babu Ramchandra Verma | The size of this book is 03.93 MB | This Book has 132 Pages | The Download link of the book "Sanjivani Vidya" is given above, you can downlaod Sanjivani Vidya from the above link for free | Sanjivani Vidya is posted under following categories health |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
एक बार इस पुस्तक के लेखक अचानक ही किसी पुस्तककी खोजमें मेरी दूकानपर आ गये । मैने उनसे कहा कि आपकी ‘सजीवनी विद्या' बहुत अच्छी चीज है । इसका हिन्दी अनुवाद प्रकाशित किया जाय, तो हिन्दी जाननेवालों का बहुत उपकार हो । उन्होंने कहा कि मैं स्वयं ही इसे हिन्दीमें प्रकाशित कर रहा हैं, आप इसके प्रचार में मेरा हाथ बंटाइएगा । मैंने बडी प्रसन्नतासे उनके इस प्रस्तावको स्वीकार किया और उक्त हिन्दी अनुवाद के प्रकाशित होनेकी प्रतीक्षा करने लगा । यह संभवतः मन् १९२६ की बात है। इसके बाद श्रीसीताकान्तजीसे कई बार साक्षात् हुआ; और हर बार मैंने उनसे हिन्दी अनुवादके विषयमें पूछा; परन्तु वे अपनी उक्त इच्छाको पूर्ण न कर सके और लगभग दो वर्ष हुए, तब तो मैंने एकाएक सुना कि उनका स्वर्गवास हो गया । इस संवादसे मुझे बदा दुःख हुआ ।