सरस एकांकी नाटक | Saras Ekanki Natak

सरस एकांकी नाटक | Saras Ekanki Natak

सरस एकांकी नाटक | Saras Ekanki Natak के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : सरस एकांकी नाटक है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Ramkumar Verma | Dr. Ramkumar Verma की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 572.62 MB है | पुस्तक में कुल 176 पृष्ठ हैं |नीचे सरस एकांकी नाटक का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | सरस एकांकी नाटक पुस्तक की श्रेणियां हैं : comedy

Name of the Book is : Saras Ekanki Natak | This Book is written by Dr. Ramkumar Verma | To Read and Download More Books written by Dr. Ramkumar Verma in Hindi, Please Click : | The size of this book is 572.62 MB | This Book has 176 Pages | The Download link of the book "Saras Ekanki Natak" is given above, you can downlaod Saras Ekanki Natak from the above link for free | Saras Ekanki Natak is posted under following categories comedy |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 572.62 MB
कुल पृष्ठ : 176

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

एकांकी के पात्र सम्पूर्ण नाटक के पात्रों से कही अधिक मुखर होते है | यदि कोई पात्र मुर्ख है तो वह मूर्खता का प्रतीक है, यदि वह बुद्धि-संपन्न है तो अपनी बुद्धि का लोहा वह अन्य पात्रों से मनवा लेता है जब पात्र अपने अस्तित्व का परिज्ञान कराने में सचेष्ट रहेंगे तभी एकांकी की कला सार्थक होगी | इसी स्थिति में मनोविज्ञान और अन्तर्दवन्द की बात आती है

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *