सर्वोदयी जैन तंत्र | Sarvodayi Jain Tantra के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : सर्वोदयी जैन तंत्र है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Nandlal Jain | Nandlal Jain की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Nandlal Jain | इस पुस्तक का कुल साइज 3.4 MB है | पुस्तक में कुल 103 पृष्ठ हैं |नीचे सर्वोदयी जैन तंत्र का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | सर्वोदयी जैन तंत्र पुस्तक की श्रेणियां हैं : jyotish
Name of the Book is : Sarvodayi Jain Tantra | This Book is written by Nandlal Jain | To Read and Download More Books written by Nandlal Jain in Hindi, Please Click : Nandlal Jain | The size of this book is 3.4 MB | This Book has 103 Pages | The Download link of the book "Sarvodayi Jain Tantra" is given above, you can downlaod Sarvodayi Jain Tantra from the above link for free | Sarvodayi Jain Tantra is posted under following categories jyotish |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
सर्वोदयी जैन तत्र नाम की इस कृति को मैने आद्योपात पढ़ा है। इसमें जैन तत्र के सभी आधारभूत विषयों को छुआ है। पुस्तक पढ़ने से ऐसा प्रतीत होता है कि यह जैन धर्म में प्रवेश पाने वाले नये व्यक्ति के लिये यो जिन्होंने जैन धर्म को अभी तक जाना ही नहीं है, उनके लिये बहुत उपयोगी है। जैन सिद्धान्त क्या है इसमें किस विषय को लेकर चर्चा है सुख-दुख की क्या परिभाषा है इसके मुख्य सिद्धान्त क्या है इन तमाम विषयों को लेकर यह पुस्तक लिखी गई है।