शिबली | Shibali

शिबली | Shibali

शिबली | Shibali के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : शिबली है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Zafar Ahamad Siddiqi | Zafar Ahamad Siddiqi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 2MB है | पुस्तक में कुल 62 पृष्ठ हैं |नीचे शिबली का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | शिबली पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature

Name of the Book is : Shibali | This Book is written by Zafar Ahamad Siddiqi | To Read and Download More Books written by Zafar Ahamad Siddiqi in Hindi, Please Click : | The size of this book is 2MB | This Book has 62 Pages | The Download link of the book " Shibali " is given above, you can downlaod Shibali from the above link for free | Shibali is posted under following categories literature |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 2MB
कुल पृष्ठ : 62

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आजमगढ़ पूर्वी उत्तर प्रदेश में एक प्रसिद्ध जिला है। इस क्षेत्र ने अनेक महत्त्वपूर्ण प्रतिभाओं को जन्म दिया है। आजमगढ़ के आस-पास एक गाँव बिदोल भी है। उर्दू के नामबर साहित्यकार, आलोचक और शायर अल्लामा शिबली नुअमानी इसी गाँव के मूल निवासी थे। शक़ शासकों के जमाने में यहाँ के एक व्यक्ति शिवराज सिंह ने इस्लाम धर्म स्वीकार कर लिया था। शिबली का जन्म उनके वंश में ही हुआ था। शिबली की जन्मतिथि 1 जून, 1857 ई० है। उनके पिता का नाम शेख हबीबुल्लाह था। शेख साहब अपने परिवार में सबसे अधिक प्रतिष्ठित, समादृत और सम्पन्न व्यक्ति थे। जमींदारी, नील का व्यापार और वकालत उनके अर्थोंपार्जन के साधन थे । फ़ारसी शायरी में भी उनकी गहन अभिरुचि थी। शिबली अपने पिता के ज्येष्ठ पुत्र थे। स्वाभाविक रूप से उनका बाल्यकाल मुख-सुविधाओं में बीता था। एक दिन की बात है, चाँदनी रात थी। अगिन में लेटे हुए थे, लोग उन्हें उठाकर भीतर ले जाना चाहते थे। यह जाते न थे। इतने में किसी ने कहा, "उठो, उठो ! पानी आ रहा है।" उन्होंने मुस्कुराकर कहा, बाह ! चाँद तो निकला हुआ है। पानी कैसे बरसेगा ?"

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