श्री श्रीकृष्ण चैतन्य चरितामृतम | Shri Shri Krishna Chaitanya Charitamritam के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : श्री श्रीकृष्ण चैतन्य चरितामृतम है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Haridas Shastri | Shri Haridas Shastri की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Haridas Shastri | इस पुस्तक का कुल साइज 99.8 MB है | पुस्तक में कुल 454 पृष्ठ हैं |नीचे श्री श्रीकृष्ण चैतन्य चरितामृतम का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्री श्रीकृष्ण चैतन्य चरितामृतम पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Shri Shri Krishna Chaitanya Charitamritam | This Book is written by Shri Haridas Shastri | To Read and Download More Books written by Shri Haridas Shastri in Hindi, Please Click : Shri Haridas Shastri | The size of this book is 99.8 MB | This Book has 454 Pages | The Download link of the book "Shri Shri Krishna Chaitanya Charitamritam " is given above, you can downlaod Shri Shri Krishna Chaitanya Charitamritam from the above link for free | Shri Shri Krishna Chaitanya Charitamritam is posted under following categories dharm |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
कनकाङ्गद, मुक्तावलीहेमसूत्र के द्वारा उनका श्रीअङ्ग सुशोभित था, एवं किङ्किणी जालनिबद्ध वसन के द्वारा उनका नितम्बदेश शोभित था, मनोहर चरणपङ्कज की शोभा से भक्तमन समाकृष्ट हो रहा था उन के चरणारविन्द के मनोहर गन्धघ्राण से मुनि हर्षाश्रु एवं पुलकायितवपुः हो गये थे। एवं विभोर होकर भूमितल में श्रीकृष्ण के चरणों में दण्डवत्प्रणति पूर्वक निपतित हो गये उस के बाद कृतज्ञ प्रभु श्रीकृष्ण ने तत्काल रत्नाङ्ग रीयक ' द्वारा सुशोभित कर कमलों को प्रसारित कर हर्ष से मुनि के मस्तक को स्पर्श किया एवं ईषत् स्मित शोभितानन से मनोहर सम्भाषण किया |