स्वदेशी चिकित्सा स्वावलंबी और अहिंसक उपचार | Swadeshi Chikitsa Swawlambi Aur Ahinsak Upchar

स्वदेशी चिकित्सा स्वावलंबी और अहिंसक उपचार | Swadeshi Chikitsa Swawlambi Aur Ahinsak Upchar

स्वदेशी चिकित्सा स्वावलंबी और अहिंसक उपचार | Swadeshi Chikitsa Swawlambi Aur Ahinsak Upchar

स्वदेशी चिकित्सा स्वावलंबी और अहिंसक उपचार | Swadeshi Chikitsa Swawlambi Aur Ahinsak Upchar के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : स्वदेशी चिकित्सा स्वावलंबी और अहिंसक उपचार है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. Chanchal Mal Chordiya | Dr. Chanchal Mal Chordiya की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 03.1 MB है | पुस्तक में कुल 96 पृष्ठ हैं |नीचे स्वदेशी चिकित्सा स्वावलंबी और अहिंसक उपचार का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | स्वदेशी चिकित्सा स्वावलंबी और अहिंसक उपचार पुस्तक की श्रेणियां हैं : ayurveda, health

Name of the Book is : Swadeshi Chikitsa Swawlambi Aur Ahinsak Upchar | This Book is written by Dr. Chanchal Mal Chordiya | To Read and Download More Books written by Dr. Chanchal Mal Chordiya in Hindi, Please Click : | The size of this book is 03.1 MB | This Book has 96 Pages | The Download link of the book "Swadeshi Chikitsa Swawlambi Aur Ahinsak Upchar" is given above, you can downlaod Swadeshi Chikitsa Swawlambi Aur Ahinsak Upchar from the above link for free | Swadeshi Chikitsa Swawlambi Aur Ahinsak Upchar is posted under following categories ayurveda, health |

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पुस्तक का साइज : 03.1 MB
कुल पृष्ठ : 96

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भौतिक विज्ञान के तीव्र विकास से स्वास्थ्य विज्ञान भी प्रभावित हुआ और आधुनिक चिकित्सा के नाम से विख्यात एलोपैथिक चिकित्सा सारे विश्व में मान्य हो गई। शल्य चिकित्सा के द्वारा पूर्व में असाध्य समझे जाने वाले रोगों का उपचार सम्भव होने लगा। यंत्रों ओर रासायनिक परीक्षणों के आधार पर निदान को जनसा Tरण स्वीकारने लगा। उपचार में तुरन्त राहत मिलने के कारण चिकित्सा के दुष्प्रभावों के बावजूद एलोपैथिक चिकित्सा को ही सर्वश्रेष्ठ मान अन्य चिकित्साओं को वैकल्पिक समझ जनसाधारण की उनके प्रति उपेक्षा होने लगी, परन्तु वारतव में स्थिति ठीक इसके विपरीत है।

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