त्रिपुरी का इतिहास | Tripuri Ka Itihas के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : त्रिपुरी का इतिहास है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Gaurishankar Hirachand Ojha | Gaurishankar Hirachand Ojha की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Gaurishankar Hirachand Ojha | इस पुस्तक का कुल साइज 7 MB है | पुस्तक में कुल 288 पृष्ठ हैं |नीचे त्रिपुरी का इतिहास का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | त्रिपुरी का इतिहास पुस्तक की श्रेणियां हैं : history
Name of the Book is : Tripuri Ka Itihas | This Book is written by Gaurishankar Hirachand Ojha | To Read and Download More Books written by Gaurishankar Hirachand Ojha in Hindi, Please Click : Gaurishankar Hirachand Ojha | The size of this book is 7 MB | This Book has 288 Pages | The Download link of the book "Tripuri Ka Itihas" is given above, you can downlaod Tripuri Ka Itihas from the above link for free | Tripuri Ka Itihas is posted under following categories history |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
स्वर्गीय रा० ब० हीरालाल जी तथा रा० सी० पं० रघुवर प्रसाद जी द्विवेदी के सत्संग से त्रिपुरी तथा गढ़ा के प्राचीन गौरव की कहानियाँ बचपन से सुनना आता था। उसके इतिहास में रुचि भी हो गई थी । त्रिपुरी काँग्रेस अधिवेशन के आगमन ने इस रुचि को लेखन में परिणत करने की इच्छा प्रबल कर दी किंतु साधनों और सहायकों के अभाव में यह इच्छा मन में ही विलीन हो गई होती यदि श्री वीरभानु राय की कृपा से स्व० ० ब० हीरालाल जी के अमृल्य पुस्तकालय की सहायता तथा श्री० विजयबहादुर श्रीवास्तव को क्रियात्मक सहयोग न मिला होता ।
I am shocked that name of the writer of the book is erroneously written. Late Beohar Rajendra Simha of Jabalpur was the writer of the book. Ojha or whatever you have written only wrote the forewords of the book. Kindly clarify & correct your page.