त्याग भूमि | त्याग भूमि | Tyag Bhoomi

त्याग भूमि | Tyag Bhoomi

त्याग भूमि | Tyag Bhoomi के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : त्याग भूमि है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Haribhau Upadhyay | Haribhau Upadhyay की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 53 MB है | पुस्तक में कुल 1074 पृष्ठ हैं |नीचे त्याग भूमि का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | त्याग भूमि पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature

Name of the Book is : त्याग भूमि | Tyag Bhoomi | This Book is written by Haribhau Upadhyay | To Read and Download More Books written by Haribhau Upadhyay in Hindi, Please Click : | The size of this book is 53 MB | This Book has 1074 Pages | The Download link of the book "त्याग भूमि | Tyag Bhoomi " is given above, you can downlaod त्याग भूमि | Tyag Bhoomi from the above link for free | त्याग भूमि | Tyag Bhoomi is posted under following categories literature |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 53 MB
कुल पृष्ठ : 1074

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

इतने पर भी जो जग हुए हैं, जानते हैं कि प्रभात हो रहा है; उसकी गति सोनेवालो के नीद के अभिनय से रुक नहीं मकती ! निराश होने की जरू रत नहीं है। समझने की जरूरत है; मूर्योदय के सन्देश और चेतना के अमृन को अन्तःकरण में भर कर कम-मार्ग पर चल पड़ने की जरूरत है। जो दुनिया की प्रगति का रहस्य ममझते हैं; जिनकी आशा अन्धकार मे नही प्रकाश में अंकुरित है वे निराशा में आशा की ज्योति देखते हैं। इमीलिए हम गाँधी को अमह्य परिस्थिति में भी शान्त, स्थिर और आशावान देखते हैं। इसीलिए जवाहरलाल का हृदय वर्तमान निराशापूर्ण स्थिति में भी उमंगों की लहर पर आगे बहता चला जा रहा है।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.