वैदिक अर्थव्यवस्था : डॉ. महावीर हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड | Vaidik Arthvyavastha : Dr. Mahaveer Hindi Book Free Download

वैदिक अर्थव्यवस्था : डॉ. महावीर हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड | Vaidik Arthvyavastha : Dr. Mahaveer Hindi Book Free Download

वैदिक अर्थव्यवस्था : डॉ. महावीर हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड | Vaidik Arthvyavastha : Dr. Mahaveer Hindi Book Free Download के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : वैदिक अर्थव्यवस्था है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr Mahaveer | Dr Mahaveer की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 26.53 MB है | पुस्तक में कुल 234 पृष्ठ हैं |नीचे वैदिक अर्थव्यवस्था का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | वैदिक अर्थव्यवस्था पुस्तक की श्रेणियां हैं : Uncategorized, dharm, hindu, history, india

Name of the Book is : Vaidik Arthvyavastha | This Book is written by Dr Mahaveer | To Read and Download More Books written by Dr Mahaveer in Hindi, Please Click : | The size of this book is 26.53 MB | This Book has 234 Pages | The Download link of the book "Vaidik Arthvyavastha" is given above, you can downlaod Vaidik Arthvyavastha from the above link for free | Vaidik Arthvyavastha is posted under following categories Uncategorized, dharm, hindu, history, india |

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पुस्तक का साइज : 26.53 MB
कुल पृष्ठ : 234

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के संगम के समान परम पवित्र स्नेहमयी माँ श्रीमती त्रिवेणी देवी के असीम आशीर्वाद से देव भाषा संस्कृत के अध्ययन का सोभाग्य प्राप्त हुआ। आज मेरे पास जो ज्ञान की दो-चार बृन्दें हैं ओर संस्कृत के प्रोफेसर एवं गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के कुलसचिव के रूप में कार्य करने का सौभाग्य मिल रहा है वह सब इन्हीं पूज्य माता-पिता का स्नेहभरा आशीर्वाद है। पूज्य पिताजी के संकल्प के अनुरूप भले ही वेद का बहुत बड़ा विद्वान्‌ न बन सका लेकिन वेदोदधि के तट पर बैठे-बैठे कंकड़-पत्थर बीनने का साहस तो आ ही गया है। शोध प्रबन्ध के ग्रन्थ रूप में प्रकाशन की सुखद वेला सें अपने पूज्य गुरुजनों के चरण कमलो में प्रणामांजलि अर्पित करना अपना पुनीत कर्त्तव्य समझता हूँ। गुरुकुलीय शिक्षा पद्धति के उन्नायक नैष्ठिक ब्रह्मचारी सार्वदेशिक आर्य प्रतिनिधि सभा देहली के प्रधान पूज्य स्वामी ओमानन्दजी सरस्वती वेदमूर्त्ति सामवेद भाष्यकार गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य एवं उपकुलपति श्रद्धय डॉ. रामनाथ वेदालंकार वैदिक ज्ञानधारा को अपनी अमृत-वाणी एवं लेखनी से जन-जन तक पहुंचाने वाले मुझे सदा पुत्रवत्‌ स्नेह प्रदान करने वाले गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के पूर्व आचार्य एवं उपकुलपति स्वर्गीय प्रो रामप्रसादजी वेदालंकार व्याकरण एवं दर्शन शास्त्र के उद्भट विद्वान पूज्य स्वामी इन्द्रवेशजी काव्य शास्त्र मर्मज्ञ प्रो वेद प्रकाशजी शास्त्रीआचार्य एवं उपकुलपति गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय नैष्ठिक ब्रह्मचारी श्री बलदेवजी आदि गुरुजनों के प्रति श्रद्धावनत होकर शत-शत वन्दन करता हूँ। मैं पूज्य भाई श्री गोविन्द रामजी को अग्रज के रूप में प्राप्त कर स्वयं को परम सौभाग्यशाली समझता था। मेरे जीवन की प्रत्येक उपलब्धि में उनका अपार स्नेह और आशीर्वाद रहा है। संसार में किसी भाग्यशाली को ही ऐसा भाई प्राप्त होता है। उनकी छत्र-छाया में संसार की विशेषत गृहस्थ धर्म की समस्त चिन्ताओं से मुक्त था। कभी स्वप्न में भी यह कल्पना नहीं कि थी कि वे पूरे परिवारको वृद्ध माता-पिता को पतिव्रता पत्नी को परम आज्ञाकारी पुत्र को स्नेहमयी पुत्रियों को आज्ञाकारी भाइयों को बहनों को रोता-बिलखता छोड़कर 53 वर्ष की युवावस्था में अकस्मात संसार यात्रा पूर्ण कर ब्रह्मलीन हो जायेंगे। विश्वास नहीं होता पृज्य भैय्या के बिना सारा संसार जीर्णा-रण्यवत्‌ प्रतीत होता है। देवतास्वरूप अपने पूज्य भाई को कृतज्ञ श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए हृदय विदीर्ण हो रहा है। अपने प्रिय भाई वेद प्रकाश संजय कुमार तथा स्नेहमयी बहिन सौ. सुमति तथा

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