कर्णफूल : नरेन्द्र | Karnphool : Narendra के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : कर्णफूल है | इस पुस्तक के लेखक हैं : narendra | narendra की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : narendra | इस पुस्तक का कुल साइज 5.1 MB है | पुस्तक में कुल 125 पृष्ठ हैं |नीचे कर्णफूल का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | कर्णफूल पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry
Name of the Book is : Karnphool | This Book is written by narendra | To Read and Download More Books written by narendra in Hindi, Please Click : narendra | The size of this book is 5.1 MB | This Book has 125 Pages | The Download link of the book "Karnphool" is given above, you can downlaod Karnphool from the above link for free | Karnphool is posted under following categories Poetry |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
इसलिए नहीं कि इस समय, मैं ठाट-बाट की वेष-भूषा के द्वारा अरूप से स्वरूप देने के दोष से तो कमज़कम मुक्त ही हैं। | यह जानते हुए भी कि मेरी कृति से आपका कोई मनोरंजन न हो सकेगा, मैं इसे आपके सम्मुख लाने की धृष्ठता क्यों कर रहा हैं?—इसका उत्तर देने की अपेक्षा, मैं अपने एक दूसरे फर्त्तव्य । पाटन करना अधिक रुचि थर समभान हैं, और यह है इस असुग्दर पुस्तक के सुन्दर कवर-पेज़ के लिए श्रीयुत रामगोपाल विजयवर्गीय के प्रति हार्दिक कृतज्ञता, प्रगट करना । | कला के नाम पर विषयो के चुनाव के लिए, अभिव्यक्ति के लिए, और रुचि के लिए, सुहृद पाठक और पाठिकाओं से रानी दुर्बलताओं को ६ छिपाने में ही है अपनी इ . नार्थका समझेगा ।
दो ब्य कहने के बहाने पृथ्टी और आकाश की बातें करना आपकी सहिष्णुता ओर आपके औदार्य का नाजायज़ फायदा उठाना होगा। इसलिए, 'दो शब्द' लिख और नदी में डाल, इसी को सच समझ अव चुप हो जाना ही मेरे लिए उचित हैं।
मार्च २०, १९३६ । यूनीवर्सिटी, इलाहाबाद )
- नरेन्द्र
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