भारत का मुक्ति - संग्राम | Bharat Ka Mukti-Sangram

भारत का मुक्ति – संग्राम | Bharat Ka Mukti-Sangram

भारत का मुक्ति – संग्राम | Bharat Ka Mukti-Sangram

भारत का मुक्ति – संग्राम | Bharat Ka Mukti-Sangram के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : भारत का मुक्ति - संग्राम है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Ayodhya Singh | Ayodhya Singh की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 32.78 MB है | पुस्तक में कुल 473 पृष्ठ हैं |नीचे भारत का मुक्ति - संग्राम का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भारत का मुक्ति - संग्राम पुस्तक की श्रेणियां हैं : history, education

Name of the Book is : Bharat Ka Mukti-Sangram | This Book is written by Ayodhya Singh | To Read and Download More Books written by Ayodhya Singh in Hindi, Please Click : | The size of this book is 32.78 MB | This Book has 473 Pages | The Download link of the book "Bharat Ka Mukti-Sangram" is given above, you can downlaod Bharat Ka Mukti-Sangram from the above link for free | Bharat Ka Mukti-Sangram is posted under following categories history, education |

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पुस्तक का साइज : 32.78 MB
कुल पृष्ठ : 473

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पन्द्रहवीं सदी के अन्त में समुद्र के रास्ते हिन्दुस्तान से सीधा सम्बन्ध स्थापित करने के लिए पुर्तगाल, स्पेन और ब्रिटेन जोरों से चेष्टा करने लगे। पुर्तगाल का वास्को द गामा अफ्रीका का चक्कर काटकर १७ मई १४९८ ई० को कालीकट आ पहुँचा। इब्न माजीद ने पूर्वी अफ्रीका के मालिन्दी से लेकर कालीकट तक का रास्ता उसे दिखाया, वरना उसे वापस पुर्तगाल जाना पड़ता। १५०० ई० में पुर्तगालियों ने कालीकट में अपनी फैक्टरी बनायी। हिन्दुस्तान में यूरोप के पूंजीवादियों का प्रवेश यहीं से आरंभ होता है। ये पुर्तगाली पूँजीवादी सिर्फ व्यापार ही नहीं, लूटपाट भी करते थे। उन्हें सब से पहले टक्कर अरब व्यापारियों से लेनी पड़ी।

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