भारतीय कृषि का अर्थतंत्र | Bhartiya Krishi Ka Arth Tantra के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : भारतीय कृषि का अर्थतंत्र है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. A. N. Agrawal | Dr. A. N. Agrawal की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Dr. A. N. Agrawal | इस पुस्तक का कुल साइज 12.16 MB है | पुस्तक में कुल 715 पृष्ठ हैं |नीचे भारतीय कृषि का अर्थतंत्र का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भारतीय कृषि का अर्थतंत्र पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, ayurveda, science
Name of the Book is : Bhartiya Krishi Ka Arth Tantra | This Book is written by Dr. A. N. Agrawal | To Read and Download More Books written by Dr. A. N. Agrawal in Hindi, Please Click : Dr. A. N. Agrawal | The size of this book is 12.16 MB | This Book has 715 Pages | The Download link of the book "Bhartiya Krishi Ka Arth Tantra" is given above, you can downlaod Bhartiya Krishi Ka Arth Tantra from the above link for free | Bhartiya Krishi Ka Arth Tantra is posted under following categories Knowledge, ayurveda, science |
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अर्थशास्त्र की एक प्रमुख शाखा कृषि-अर्थशास्त्र है। पृथक् विषय के रूप मे कृषि-अर्थशास्त्र की वैज्ञानिक अध्ययन उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तराद्ध में प्रारम्भ हुआ था । आधुनिक कृषि एक व्यवसाय हैं । इसमें वे सभी उद्योग सम्मिलित किये जाते हैं, जो कृषि के विकास के लिए उत्पादत-साधनो को निर्मित करते है तथा कृपित पदार्थों का परिष्करण के द्वारा रूप परिवर्तित करते हैं । अर्थशास्त्र में मनुष्य की धन से सम्बन्धित समस्त क्रियाओं का समावेश होता है । विभिन्न अर्थशास्त्रियो ने अर्थशास्त्र को विभिन्न शब्दों में परिमापित किया है। एडमस्मिथ ने अर्थशास्त्र को धन का विज्ञान कहा है । वाकर के अनुसार अर्थशास्त्र ज्ञान की वह शाखा है जो घर से सम्बन्धित हैं ।