जीवाणु विज्ञान | Jivanu Vigyan

जीवाणु विज्ञान | Jivanu Vigyan

जीवाणु विज्ञान | Jivanu Vigyan

जीवाणु विज्ञान | Jivanu Vigyan के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : जीवाणु विज्ञान है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Bhaskar Govind Ghanekar | Bhaskar Govind Ghanekar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 3.4 MB है | पुस्तक में कुल 320 पृष्ठ हैं |नीचे जीवाणु विज्ञान का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | जीवाणु विज्ञान पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, science

Name of the Book is : Jivanu Vigyan | This Book is written by Bhaskar Govind Ghanekar | To Read and Download More Books written by Bhaskar Govind Ghanekar in Hindi, Please Click : | The size of this book is 3.4 MB | This Book has 320 Pages | The Download link of the book " Jivanu Vigyan" is given above, you can downlaod Jivanu Vigyan from the above link for free | Jivanu Vigyan is posted under following categories Knowledge, science |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी : ,
पुस्तक का साइज : 3.4 MB
कुल पृष्ठ : 320

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

जीवाणु अपिम्त सूक्ष्म होने के कारण उनके शरीर-मापन के ये वो मानदण्ड निपत किया गया है वह अत्यन्त सूक्ष्म है बौर उसे मैक्रोष रते है। इसकी गई पक मिहीर का 1 भाग होती है। इसमें भर्य पर है कि जो जीवाणु पुछम्म यी है उसके २५००० थीशशु एक सीप में पास पास र वाम दो वे एक इंच या स्पान घेर सगे । परिमाण की पुष्टि से मुश्मपराकातीवों के संघ मैं मा पेपर है। तृण सापा रणवपा हद्यशु की अपेक्षा परिमाण में छोटे होते हैं।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *