मांस मनुष्य का भोजन नही | Mans Manushya Ka Bhojan Nahi

मांस मनुष्य का भोजन नही | Mans Manushya Ka Bhojan Nahi

मांस मनुष्य का भोजन नही | Mans Manushya Ka Bhojan Nahi

मांस मनुष्य का भोजन नही | Mans Manushya Ka Bhojan Nahi के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मांस मनुष्य का भोजन नही है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 03.45 MB है | पुस्तक में कुल 114 पृष्ठ हैं |नीचे मांस मनुष्य का भोजन नही का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मांस मनुष्य का भोजन नही पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, Stories, Novels & Plays

Name of the Book is : Mans Manushya Ka Bhojan Nahi | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 03.45 MB | This Book has 114 Pages | The Download link of the book "Mans Manushya Ka Bhojan Nahi" is given above, you can downlaod Mans Manushya Ka Bhojan Nahi from the above link for free | Mans Manushya Ka Bhojan Nahi is posted under following categories Knowledge, Stories, Novels & Plays |

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पुस्तक का साइज : 03.45 MB
कुल पृष्ठ : 114

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ये दोनों ही सम्प्रदाय "अहिंसा परमो धर्मः प्राणियों की हिंसा न करने को परमधर्म मानते आये हैं यथार्थ में इनका मूल सिद्धान्त ही हिंसा न करना है । जैनी तो इसका पालन बहुत कट्टरता पौर निष्ठापूर्वक पाज तक फरते पले रहे हैं इसलिये ये मांस को खाना तो दूर रहा, ससफो स्पर्श तक नहीं करते यहाँ तक कि कितने ही जैनी तो लहसुन, प्याज, शलजम प्रादि तक का भी सेवन नहीं करते इनके जितने भी तीर्थरूर हुये है |

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