मंत्रजाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि | MantraJap Mahima Evam Anushthan Vidhi

मंत्रजाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि | MantraJap Mahima Evam Anushthan Vidhi

मंत्रजाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि | MantraJap Mahima Evam Anushthan Vidhi

मंत्रजाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि | MantraJap Mahima Evam Anushthan Vidhi के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : मंत्रजाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 18.9 MB है | पुस्तक में कुल 52 पृष्ठ हैं |नीचे मंत्रजाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | मंत्रजाप महिमा एवं अनुष्ठान विधि पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge, jyotish

Name of the Book is : MantraJap Mahima Evam Anushthan Vidhi | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : | The size of this book is 18.9 MB | This Book has 52 Pages | The Download link of the book "MantraJap Mahima Evam Anushthan Vidhi" is given above, you can downlaod MantraJap Mahima Evam Anushthan Vidhi from the above link for free | MantraJap Mahima Evam Anushthan Vidhi is posted under following categories Knowledge, jyotish |

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पुस्तक का साइज : 18.9 MB
कुल पृष्ठ : 52

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नाम की महिमा के विषय में संत श्री ज्ञानेश्वर महाराज कहते हैंनाम संकीर्तन की ऐसी महिमा है कि उससे सब पाप नष्ट हो जाते हैं। फिर पापों के लिए प्रायश्चित करने का विधान बतलाने वालों का व्यवसाय ही नष्ट हो जाता है, क्योंकि नाम-संकीर्तन लेशमात्र भी पाप नहीं रहने देता यम-दमादि इसके सामने फीके पड़ जाते हैं, तीर्थ अपने स्थान छोड़ जाते हैं, यमलोक का रास्ता ही बंद हो जाता है। यम कहते हैं- हम किसको यातना दें दम कहते हैं- हम किसका भक्षण करें यहाँ तो दमन के लिए भी पाप-ताप नहीं रह गया।

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