साहित्यकों से | Sahitya Ko Se

साहित्यकों से | Sahitya Ko Se

साहित्यकों से | Sahitya Ko Se के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : साहित्यकों से है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Vinoba Bhave | Vinoba Bhave की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 02.0 MB है | पुस्तक में कुल 104 पृष्ठ हैं |नीचे साहित्यकों से का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | साहित्यकों से पुस्तक की श्रेणियां हैं : Knowledge

Name of the Book is : Sahitya Ko Se | This Book is written by Vinoba Bhave | To Read and Download More Books written by Vinoba Bhave in Hindi, Please Click : | The size of this book is 02.0 MB | This Book has 104 Pages | The Download link of the book "Sahitya Ko Se " is given above, you can downlaod Sahitya Ko Se from the above link for free | Sahitya Ko Se is posted under following categories Knowledge |


पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 02.0 MB
कुल पृष्ठ : 104

Search On Amazon यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

आचार्य सन्त श्री विनोबा भावे ने जो सर्वोदय-याना आरम्भ की है, वह उसी अहिंसक प्रान्ति का स्वाभाविक प्रसार है, जिसका सूत्रपात गाधीजी ने दिया था, तया जिसके द्वारा हमारा देश राजनैतिक स्वतत्रता प्राप्त करने में सफल हुआ। किन्तु नुतन समाज की रचना किस प्रकार रो हो, यह समस्या देश के सामने अव भी अपना समाधान खोज रही है । समता और सामाजिक न्याय, इस भावी समाज के मध्य है, किन्तु इस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए यदि हम हिंसक सधन या आश्रय लेते है, तो हमारी वह अहमक परम्परा विनष्ट हो जायगी जो हमें गाधीजी से मिली है तथा जो भारत की मनातन मस्कृति का सार है।

You might also like
Leave A Reply

Your email address will not be published.