संवैधानिक सुधार एवं आर्थिक समस्याएँ | Samvaidhanik Sudhar Evam Arthik Samasyaen

संवैधानिक सुधार एवं आर्थिक समस्याएँ | Samvaidhanik Sudhar Evam Arthik Samasyaen

संवैधानिक सुधार एवं आर्थिक समस्याएँ | Samvaidhanik Sudhar Evam Arthik Samasyaen

संवैधानिक सुधार एवं आर्थिक समस्याएँ | Samvaidhanik Sudhar Evam Arthik Samasyaen के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : संवैधानिक सुधार एवं आर्थिक समस्याएँ है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Dr. B. R. Ambedkar | Dr. B. R. Ambedkar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 43.5 MB है | पुस्तक में कुल 297 पृष्ठ हैं |नीचे संवैधानिक सुधार एवं आर्थिक समस्याएँ का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | संवैधानिक सुधार एवं आर्थिक समस्याएँ पुस्तक की श्रेणियां हैं : politics

Name of the Book is : Samvaidhanik Sudhar Evam Arthik Samasyaen | This Book is written by Dr. B. R. Ambedkar | To Read and Download More Books written by Dr. B. R. Ambedkar in Hindi, Please Click : | The size of this book is 43.5 MB | This Book has 297 Pages | The Download link of the book "Samvaidhanik Sudhar Evam Arthik Samasyaen " is given above, you can downlaod Samvaidhanik Sudhar Evam Arthik Samasyaen from the above link for free | Samvaidhanik Sudhar Evam Arthik Samasyaen is posted under following categories politics |

पुस्तक के लेखक :
पुस्तक की श्रेणी :
पुस्तक का साइज : 43.5 MB
कुल पृष्ठ : 297

यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |

प्रो. ए.बी. हार्ट ने कहा है, 'सरकार के सामने सबसे कठिन और बड़ा सवाल यह होता है कि व्यक्तिगत राय और पसंद की ताकत को लोक-कर्म में किस प्रकार लगाया जाए। लोक संस्थाओं की भी यही समस्या है। लेकिन लोकप्रिय सरकार की यह केवल आधी परिभाषा है। अत: दूसरे आधे भाग पर जोर देना भी जरूरी है। महत्व की दृष्टि से वह पहले आधे भाग से बढ़कर नहीं है, उसके बराबर तो है ही। चूंकि व्यक्तिगत क्षमताओं के प्रयोग के लिए सरकार सर्वाधिक महत्वपूर्ण क्षेत्र है, यह लोक-हित में होगा कि किसी भी व्यक्ति को सरकार की प्रक्रिया में सक्रिय रूप से भाग लेने के अवसर से वंचित न किया जाए। दूसरे शब्दों में, यह कहा जा सकता है कि लोकप्रिय सरकार का अर्थ केवल जनता के लिए सरकार से नहीं है, बल्कि जनता की सरकार से भी है।

Share this page:

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *