साहित्य एवं कला में दशावतार | Sahitya Evm Kala Me Dashavtar

साहित्य एवं कला में दशावतार | Sahitya Evm Kala Me Dashavtar

साहित्य एवं कला में दशावतार | Sahitya Evm Kala Me Dashavtar के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : साहित्य एवं कला में दशावतार है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Satendra Singh | Satendra Singh की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 18.1 MB है | पुस्तक में कुल 218 पृष्ठ हैं |नीचे साहित्य एवं कला में दशावतार का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | साहित्य एवं कला में दशावतार पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm

Name of the Book is : Sahitya Evm Kala Me Dashavtar | This Book is written by Satendra Singh | To Read and Download More Books written by Satendra Singh in Hindi, Please Click : | The size of this book is 18.1 MB | This Book has 218 Pages | The Download link of the book "Sahitya Evm Kala Me Dashavtar " is given above, you can downlaod Sahitya Evm Kala Me Dashavtar from the above link for free | Sahitya Evm Kala Me Dashavtar is posted under following categories dharm |

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पुस्तक का साइज : 18.1 MB
कुल पृष्ठ : 218

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अवतार शब्द अव उपसर्ग तृ धातु द्या प्रत्यय के योग से बना है, जिसका अर्थ होता है- उदय ऊपर स्थान से अथवा उतार नीचे की ओर अथवा देवता का भूमि पर अवतरण अथवा जन्म लेना या पदार्पण ।' अवतरणम् अवतारः अर्थात् उच्च स्थान से नीचाई वाले स्थान पर उतरना ‘अवतार' कहा गया है। भगवान का बैकुण्ठ धाम से मानव अथवा जीव-जगत के कल्याण हेतु अथवा लीला हेतु भू-लोक पर अविर्भाव अथवा अवतार को भारतीय मनीषियों ने 'अवतार' कहा है। महाभारत के हरिवंश पर्व में ईश्वर के 'अवतार' के स्थान पर ‘आविर्भाव' शब्द का प्रयोग किया गया है |

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