हरित क्रांति के पश्चात् भारतीय कृषि निर्यातों का विश्लेषण एवं सम्भावनाये | Harit Kranti Ke Pashchat Bhartiya Krishi Niryato Ka Vishleshan Evm Sambhawnaye

हरित क्रांति के पश्चात् भारतीय कृषि निर्यातों का विश्लेषण एवं सम्भावनाये | Harit Kranti Ke Pashchat Bhartiya Krishi Niryato Ka Vishleshan Evm Sambhawnaye

हरित क्रांति के पश्चात् भारतीय कृषि निर्यातों का विश्लेषण एवं सम्भावनाये | Harit Kranti Ke Pashchat Bhartiya Krishi Niryato Ka Vishleshan Evm Sambhawnaye के बारे में अधिक जानकारी :

इस पुस्तक का नाम : हरित क्रांति के पश्चात् भारतीय कृषि निर्यातों का विश्लेषण एवं सम्भावनाये है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Virendra Kumar Sharma | Virendra Kumar Sharma की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 17.7 MB है | पुस्तक में कुल 217 पृष्ठ हैं |नीचे हरित क्रांति के पश्चात् भारतीय कृषि निर्यातों का विश्लेषण एवं सम्भावनाये का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हरित क्रांति के पश्चात् भारतीय कृषि निर्यातों का विश्लेषण एवं सम्भावनाये पुस्तक की श्रेणियां हैं : Agriculture

Name of the Book is : Harit Kranti Ke Pashchat Bhartiya Krishi Niryato Ka Vishleshan Evm Sambhawnaye | This Book is written by Virendra Kumar Sharma | To Read and Download More Books written by Virendra Kumar Sharma in Hindi, Please Click : | The size of this book is 17.7 MB | This Book has 217 Pages | The Download link of the book "Harit Kranti Ke Pashchat Bhartiya Krishi Niryato Ka Vishleshan Evm Sambhawnaye " is given above, you can downlaod Harit Kranti Ke Pashchat Bhartiya Krishi Niryato Ka Vishleshan Evm Sambhawnaye from the above link for free | Harit Kranti Ke Pashchat Bhartiya Krishi Niryato Ka Vishleshan Evm Sambhawnaye is posted under following categories Agriculture |

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हरित क्राति के पश्चात देश ने खाद्यान्न उत्पादन, उत्पादकता, क्षेत्रफल एव कृषि निर्यात के क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि रेखाकित किया है। आर्थिक नियोजन के पचास वर्षों में खाद्यान्न उत्पादन एव चावल उत्पादन मे लगभग चार गुना, गेहूं के उत्पादन मे बारह गुना, तिलहन के उत्पादन मे पॉच गुना, दलहन उत्पादन में दो गुना, दुग्ध उत्पादन मे साढे चार गुना, मत्स्य उत्पादन मे साढे सात गुना वृद्धि हुई, फल, रस, सब्जियो तथा मांस उत्पादन में भी सन्तोषजनक प्रगति हुई है।

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