सिंदूर की होली | Sindur Ki Holi के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : सिंदूर की होली है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Lakshminarayan Mishra | Shri Lakshminarayan Mishra की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Lakshminarayan Mishra | इस पुस्तक का कुल साइज 11.5 MB है | पुस्तक में कुल 185 पृष्ठ हैं |नीचे सिंदूर की होली का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | सिंदूर की होली पुस्तक की श्रेणियां हैं : society
Name of the Book is : Sindur Ki Holi | This Book is written by Shri Lakshminarayan Mishra | To Read and Download More Books written by Shri Lakshminarayan Mishra in Hindi, Please Click : Shri Lakshminarayan Mishra | The size of this book is 11.5 MB | This Book has 185 Pages | The Download link of the book "Sindur Ki Holi" is given above, you can downlaod Sindur Ki Holi from the above link for free | Sindur Ki Holi is posted under following categories society |
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भारतेन्दु के समय से आज तक नाटक-रचना उपयुक्त ढंग से होती रही। अंगरेजी नाटकों की छाया यद्यपि उनके समय में ही पड़ने लगी थी किन्तु धीरे धीरे उनका प्रभाव बहुत बढ़ गया । यहाँ तक कि शेक्सपियर के नाटकों के आधार पर रचना करना हमारे नाटककारों का आदर्श होगया । इस प्रवृत्ति को पारसी नाटक कम्पनियों और द्विजेन्द्रलाल राय को कृतियों ने खूब दृढ़ और वेगवती बनाया। हाँ कुछ लोग संस्कृत शैली का अनुकरण करते।