श्रध्दार्चन | Shraddharchan के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : श्रध्दार्चन है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Unknown | Unknown की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Unknown | इस पुस्तक का कुल साइज 121.0 MB है | पुस्तक में कुल 284 पृष्ठ हैं |नीचे श्रध्दार्चन का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | श्रध्दार्चन पुस्तक की श्रेणियां हैं : dharm
Name of the Book is : Shraddharchan | This Book is written by Unknown | To Read and Download More Books written by Unknown in Hindi, Please Click : Unknown | The size of this book is 121.0 MB | This Book has 284 Pages | The Download link of the book "Shraddharchan" is given above, you can downlaod Shraddharchan from the above link for free | Shraddharchan is posted under following categories dharm |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
कृष्ण-भक्ति-रस का रसास्वादन करने में आजीवन तत्पर बने हुए सन्त महामना पूज्य बालकृष्ण जी महाराज से कौन वृन्दावनवासी परिचित न होगा। ई० सन् १९९६ में उनके गोलोक में जाने पर उनकी पुण्य-स्मृति में उनके भक्त लोगों ने ‘रसार्चन' नामक पुस्तक की रचना की। इस पुस्तक को देखकर मन अति प्रभावित हुआ। हमारी आदरणीय गुरु बहिन सुश्री
कमला जी बावा का मन इस पुस्तक को देखकर अति हर्षित हुआ । फल यह हुआ-उनके मन में अपने गुरुदेव श्री ईश्वर-स्वरूप जी महाराज, स्वामी लक्ष्मण जी के प्रति भी इसी प्रकार का ग्रन्थ प्रकाशित करने का संस्कार अंकुरित हुआ ।