हिमालय की यात्रा | Himalaya Ki Yatra के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : हिमालय की यात्रा है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Acharya Kaka Kalelkar | Acharya Kaka Kalelkar की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Acharya Kaka Kalelkar | इस पुस्तक का कुल साइज 4.45 MB है | पुस्तक में कुल 238 पृष्ठ हैं |नीचे हिमालय की यात्रा का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | हिमालय की यात्रा पुस्तक की श्रेणियां हैं : history
Name of the Book is : Himalaya Ki Yatra | This Book is written by Acharya Kaka Kalelkar | To Read and Download More Books written by Acharya Kaka Kalelkar in Hindi, Please Click : Acharya Kaka Kalelkar | The size of this book is 4.45 MB | This Book has 238 Pages | The Download link of the book "Himalaya Ki Yatra " is given above, you can downlaod Himalaya Ki Yatra from the above link for free | Himalaya Ki Yatra is posted under following categories history |
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थोड़ा विचार करनेसे ज्ञात होता है कि असमे ये दोनों वृत्तियां वर्तमान है। यदि मनुष्यको जंगली दशासे अन्नति करते करते आजकी स्थिति प्राप्त ही है, तो असलमें मनुष्य जंगम ही होना चाहिये। जहां अन्न और पानी मिले, यहां जानेको प्राणिमात्रकी स्वाभाविक वृत्ति है। जब तक मनुप्य शिकारीका जीवन बिताता था, तब तक असे भटकना ही पड़ता था। महाभारतमें भी यह वर्णन मिलता है कि अंक जंगलमें शिकार म्वतम होने ही पाण्डवों-जैसे आरण्यकोको दूसरा जंगल खोजना पड़ा था।