थाती | Thati के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : थाती है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Yatindra Mishra | Yatindra Mishra की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Yatindra Mishra | इस पुस्तक का कुल साइज 19.0 MB है | पुस्तक में कुल 168 पृष्ठ हैं |नीचे थाती का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | थाती पुस्तक की श्रेणियां हैं : literature
Name of the Book is : Thati | This Book is written by Yatindra Mishra | To Read and Download More Books written by Yatindra Mishra in Hindi, Please Click : Yatindra Mishra | The size of this book is 19.0 MB | This Book has 168 Pages | The Download link of the book " Thati" is given above, you can downlaod Thati from the above link for free | Thati is posted under following categories literature |
यदि इस पेज में कोई त्रुटी हो तो कृपया नीचे कमेन्ट में सूचित करें |
पुस्तक का एक अंश नीचे दिया गया है : यह अंश मशीनी टाइपिंग है, इसमें त्रुटियाँ संभव हैं, इसे पुस्तक का हिस्सा न माना जाये |
जब मैं विद्यार्थी-दशा में था तब से लेकर अब तक अनेक गवैयों के गाने मैंने सुने। जालंधर के हर वल्लभ मेले में अखिल भारत के कलाकार अपना गायन पेश करने आते, उन्हें सुनने के कई अवसर मुझे प्राप्त हुए। वहाँ प्राप्त अनुभवों से मेरा यह स्पष्ट मत हो गया है कि विद्यार्थी अपने गुरु का गाना -अवश्य आत्मसात् करे, परंतु उसे वहीं रुकना नहीं चाहिए। अपनी निजी प्रतिभा का उपयोग करके उसे अपना स्वयं का एक अलग रसायन अवश्य तैयार करना चाहिए, अपना निरालापन पैदा करना चाहिए। विद्यार्थी को अपने घराने के गाने की चौखट सुरक्षित रखनी ही है, किंतु उसमें अपने मन को भाए हुए अन्य कलाकारों के वैशिष्ट्यों को भी समाविष्ट करके अपने गाने को समृद्ध करना हैं इसी तरीके से कलाकार के रूप में वह इस क्षेत्र में अपना स्थान निर्माण कर सकेगा। अपने गुरु जैसा हूबहू गाना उसका ध्येय कदापि होना नहीं चाहिए।