विदेह | Videh के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : विदेह है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Shri Satyanarayan Singh Ji | Shri Satyanarayan Singh Ji की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Shri Satyanarayan Singh Ji | इस पुस्तक का कुल साइज 5.8 MB है | पुस्तक में कुल 340 पृष्ठ हैं |नीचे विदेह का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | विदेह पुस्तक की श्रेणियां हैं : Poetry
Name of the Book is : Videh | This Book is written by Shri Satyanarayan Singh Ji | To Read and Download More Books written by Shri Satyanarayan Singh Ji in Hindi, Please Click : Shri Satyanarayan Singh Ji | The size of this book is 5.8 MB | This Book has 340 Pages | The Download link of the book " Videh" is given above, you can downlaod Videh from the above link for free | Videh is posted under following categories Poetry |
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वह इर गया वन्धुत्व से जययुद्ध के प्रारम्भ मे,उस समय नब श्रीकृष्ण ने विभ्राट दर्शन-सत्य का दीपक जलाया एक उठता-सा प्रलय-तूफान मे दी ज्ञान-गीता विश्व को, पर प्रथम कुन्ती-पुत्र को जिसमें उन्होंने कह दिया--हे वीर यह भी जान लो मी जानते है जनक भी जो बात मैने है कही ।