भारत में विज्ञान : राजीव गर्ग हिंदी पुस्तक मुफ्त डाउनलोड | Bharat Mein Vigyan : Rajeev Garg Hindi Book Free Download के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : भारत में विज्ञान है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Rajiv Garg | Rajiv Garg की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Rajiv Garg | इस पुस्तक का कुल साइज 3.39 MB है | पुस्तक में कुल 95 पृष्ठ हैं |नीचे भारत में विज्ञान का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | भारत में विज्ञान पुस्तक की श्रेणियां हैं : india, science, Uncategorized
Name of the Book is : Bharat Mein Vigyan | This Book is written by Rajiv Garg | To Read and Download More Books written by Rajiv Garg in Hindi, Please Click : Rajiv Garg | The size of this book is 3.39 MB | This Book has 95 Pages | The Download link of the book "Bharat Mein Vigyan" is given above, you can downlaod Bharat Mein Vigyan from the above link for free | Bharat Mein Vigyan is posted under following categories india, science, Uncategorized |
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भूमिका 15 अगस्त सन् 1996 को हम अपनी स्वतंत्रता के 50वें वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं। इन वर्षों में हमने विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र में इतनी प्रगति की है जिसे देखकर हम दंग रह जाते हैं। स्वर्तेत्रता से पहले एक समय ऐसा भी था जब हमें सुई जैसी वस्तु का आयात करना पड़ता था और आज वह दिन भी है जब हमारा देश विज्ञान और तकनीकी के क्षेत्र मे विश्व के कुछ शिने-चुने राष्ट्रों में से एक है। प्रस्तुत पुस्तक में भारत की वैज्ञानिक उपलब्धियों का संक्षिप्त विवरण दिया गया है ताकि भारत के नागरिक यह जान सकें कि विश्व के मानचित्र में हम कहां खड़े होते हैं। प्रस्तुत पुस्तक को बीस शीर्षकों में बांटा गया है। पहले शीर्षक में भारत में विज्ञान के विकास को आजादी से पहले और बाद में परिचय के रूप में प्रस्तुत किया गया है। दूसरे शीर्षक में अंतरिक्ष विज्ञान की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है। दूरसंचार के क्षेत्र में देश में एक नई क्रान्ति आई है। तीसरे शीर्षक के अंतर्गत दूरसंचार की उपलब्धियों का वर्णन किया गया है। चौथे शीर्षक के अंतर्गत परमाणु ऊर्जा से संबंधित विभिन्न रिएक्टरों और परमाणु विश्युत केन्द्रों के विषय में बताया गया है। आज हम कम्प्यूटर और इतेक्ट्रोनिकी के युग में रह रहे हैं। पांचवे और छठे शीर्षकों में इन दोनों के क्षेत्र में देश की उपलब्धियों का घ्िवरण दिया गया है। रक्षा के क्षेत्र में भारत अब लगभग आत्म निर्भर हो चुका है। इसकी जानकारी सातवें शीर्षक में दी गई है। आंठवें और नवें शीर्षक