आदमी बैसाखी पर | Aadmi Baisakhi Par के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : आदमी बैसाखी पर है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Yadvendra Sharma ‘Chandra’ | Yadvendra Sharma ‘Chandra’ की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Yadvendra Sharma ‘Chandra’ | इस पुस्तक का कुल साइज 1 MB है | पुस्तक में कुल 116 पृष्ठ हैं |नीचे आदमी बैसाखी पर का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | आदमी बैसाखी पर पुस्तक की श्रेणियां हैं : Stories, Novels & Plays
Name of the Book is : Aadmi Baisakhi Par | This Book is written by Yadvendra Sharma ‘Chandra’ | To Read and Download More Books written by Yadvendra Sharma ‘Chandra’ in Hindi, Please Click : Yadvendra Sharma ‘Chandra’ | The size of this book is 1 MB | This Book has 116 Pages | The Download link of the book "Aadmi Baisakhi Par " is given above, you can downlaod Aadmi Baisakhi Par from the above link for free | Aadmi Baisakhi Par is posted under following categories Stories, Novels & Plays |
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अगि पापा मूड अच्छा नही है न, इसलिए मैंने माया र मापसे आना से तु गो न गडकी का पर्दा तिना पराव हो गया है। और सचमुच अनाम ने देखा वि मुटठी में पर्दे के छोर के' मा जाने में उसम काफी सलवट पद गइ हैं । वह प भीगे कपड़े वो फूहडता से निचोडा ग्रा सा जान पड़ता है। उगने वरण के प्रश्न का कोई उत्तर नहीं दिया। यह बगानी में महार मेज़ न पाम विठे पतग पर आर बठ गया और चाय की चुम्विया लेने लगा।