आगमरहस्यम् | Aagamrahasyam के बारे में अधिक जानकारी :
इस पुस्तक का नाम : आगमरहस्यम् है | इस पुस्तक के लेखक हैं : Sarayu Prasad Dwivedi, Gangadhar Dwivedi | Sarayu Prasad Dwivedi, Gangadhar Dwivedi की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : Sarayu Prasad Dwivedi, Gangadhar Dwivedi | इस पुस्तक का कुल साइज 118 MB है | पुस्तक में कुल 562 पृष्ठ हैं |नीचे आगमरहस्यम् का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | आगमरहस्यम् पुस्तक की श्रेणियां हैं : education, inspirational
Name of the Book is : Aagamrahasyam | This Book is written by Sarayu Prasad Dwivedi, Gangadhar Dwivedi | To Read and Download More Books written by Sarayu Prasad Dwivedi, Gangadhar Dwivedi in Hindi, Please Click : Sarayu Prasad Dwivedi, Gangadhar Dwivedi | The size of this book is 118 MB | This Book has 562 Pages | The Download link of the book "Aagamrahasyam" is given above, you can downlaod Aagamrahasyam from the above link for free | Aagamrahasyam is posted under following categories education, inspirational |
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जैसा कि संपादक महोदय ने कहा है, आगमों का पठन-पाठन निरंतर उपेक्षित हो रहा है। इसका परिणाम यह हुआ है कि बहुतों को तो आगम एक शब्दमात्र रह गया है; वे यह भी नहीं जानते कि आगम कहते किसे है ? महामहोपाध्याय डॉ० गोपीनाथ कविराज की कृपा से अवश्य आगमशास्त्र पर कुछ चर्चा हिन्दी में प्रारंभ हुई और उनके लेखों और ग्रन्थों से प्रभावित होकर कुछ लोगों में इस विषय के प्रति जिज्ञासा जागृत हुई। स्वामी वाग्भवाचार्य ने भी कुछ मौलिक संस्कृत रचनाओं के माध्यम से उत्तरी शैवागम की पुनः प्रतिष्ठा करने का प्रयत्न किया है। परन्तु आगम के महत्व को देखते हुये, इस विषय पर अत्यधिक विचार-विमर्श एवं पठनपाठन की आवश्यकता है ।