फोटोसिंथेसिस के बारे में जानें हिंदी पुस्तक | Know About Photosynthesis Hindi Book

फोटोसिंथेसिस के बारे में जानें हिंदी पुस्तक | Know About Photosynthesis Hindi Book

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इस पुस्तक का नाम : है | इस पुस्तक के लेखक हैं : | की अन्य पुस्तकें पढने के लिए क्लिक करें : | इस पुस्तक का कुल साइज 3.65 MB है | पुस्तक में कुल 35 पृष्ठ हैं |नीचे का डाउनलोड लिंक दिया गया है जहाँ से आप इस पुस्तक को मुफ्त डाउनलोड कर सकते हैं | पुस्तक की श्रेणियां हैं : children, education, Knowledge, science

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पुस्तक का साइज : 3.65 MB
कुल पृष्ठ : 35

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हवा उपयोग की हो और उसके स्थान पर कार्बन-डाईऑक्साइड गैस छोड़ी हो। वैसे कार्बन-डाईऑक्साइड कुछ रासायनों के साथ जुड़ती है। बर्तन में भरी गैस में कुछ रासायनों को डालकर रदरफोर्ड ने सारी कार्बन-डाईऑक्साइड से छुटकारा पाया। पर तभी भी बर्तन में बहुत सारी गैस बची थी पर अब एस गैस में मोमबत्ती नहीं जली। अंत में रदरफोर्ड इस निर्णय पर पहुंचा कि हवा में कार्बन-डाईऑक्साइड के अलावा कोई और गैस भी थी जिसमें चीजें जलती नहीं थीं। अंत में इस गैस का नाम नाईट्रोजन पड़ा। फिर 1774 में एक अन्य ब्रिटिश वैज्ञानिक जोजफ प्रीस्टले 1733-1804 ने हवा में एक अन्य गैस को खोजा जिसमें चीजें बहुत तेजी से जलती थीं। अगर इस गैस में किसी सुगलती लकड़ी को लाया जाता तो उसमें एकदम आग की लपटें पैदा हो जातीं। इस गैस का अंत में नाम ऑक्सीजन पड़ा। अंत में 1775 में एक फ्रेंच वैज्ञानिक अंतोन लौरेन्ट लौवोसिए 1743-79 ने इन सारी जानकारियों को एकत्रित किया। उसके अनुसार हवा दो गैसों का मिश्रण थी - उसमें 45 भाग नाईट्रोजन और 15 भाग ऑक्सीजन का था। ऑक्सीजन के कारण ही चीजें हवा में जलती थीं और उसकी ही वजह से सारे प्राणी - मनुष्य और जानवर जिन्दा रहते थे। वैसे हवा में 1300 वां भाग कार्बन-डाईऑक्साइड का भी होता था । 4 हर | दि रथ | थी पर 6 7 ४1 | है भी । | हक द् ५ री कि रप्ची अब 08 व४०8॑# अंतोन लौवोसिए

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